Wednesday, November 9, 2022

Chaandkhedi Jain Temple proud of Hadoti Sanskrati

 हाड़ोती संस्कृति ...........chand khedi Jain Mandir 




विख्यात चांदखेड़ी जैन मंदिर.........

हाड़ोती अंचल के अनेक जैन मंदिर भारत वर्ष में विख्यात हैं। इन्हीं में झालावाड़ जिले में चांदखेड़ी का जैन मंदिर भी प्रमुख है।

** श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चांदखेड़ी का जैन मंदिर अपनी स्थापत्य कला और कारीगरी की दृष्टि से विशेष पहचान रखता है। यह मंदिर भगवान आदिनाथ को समर्पित है। भगवान आदिनाथ की आकर्षक एवं शांतभाव मुद्रा में स्थापित प्रतिमा सभी को आकर्षित करती है। 

** यह मंदिर 11वीं शताब्दी में एक छोटी नदी के किनारे बनाया गया। मंदिर लाल पत्थर से निर्मित 5.25 फीट ऊंचे प्लेटफार्म पर बना है, जिसके नीचे 52 फीट का तलघर बनाया गया है। मंदिर के स्तम्भ एवं तोरणद्वार स्थापत्य कला व कारीगरी के अद्भुत नमूने हैं। बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण विक्रम संवत् 1730 से विक्रम संवत् 1746 के मध्य कोटा राज्य के मंत्री किशनदास मारिया ने कराया था। 

** सर्वप्रथम मंदिर के तलघर का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ एवं इसके बाद मंदिर के अन्य कार्य कराए गए। मंदिर का तलघर इतना कलात्मक है की बस देखते ही रह जाए। विक्रम संवत् 1736 को भगवान आदिनाथ की प्रतिमा धार्मिक समारोह के साथ स्थापित की गई। इसके पश्चात मंदिर का शेष निर्माण कार्य विक्रम संवत् 1746 में पूर्ण किया गया। इसी वर्ष किशनदास जी ने भट्टारक जगत कीर्ति जी के सानिध्य में पंचकल्याणक महोत्सव का आयोजन किया। यहां स्थापित भगवान ऋषभदेव की 5.3 इंच ऊंची प्रतिमा शेरगढ़ के निकट बारापति क्षेत्र से प्राप्त हुई थी। मंदिर में भगवान सुपार्श्वनाथ, भगवान संभवनाथ, भगवान पार्श्वनाथ, भगवान बाहुबली, यक्षी, अंबिका एवं अन्य तीर्थंकरों की मूर्तियां स्थापित हैं। एक स्तम्भ पर तीर्थंकरों की 52 प्रतिमाएं एक तरफ तथा कुल 208 प्रतिमाएं उत्कीर्ण हैं, जो देखते ही बनता है। इसे 52 जैन प्रतिमाएं होने से 52 जिनालय भी कहा जाता है।

**  यहां गंधकुटी, 5 वेदियां तथा कई छोटी-छोटी वेदियां बनी हैं तथा पूरे मंदिर परिसर में 900 से अधिक जिनबिम्ब स्थापित हैं। मंदिर के पीछे के हिस्से में सुंदर समोशरण मंदिर बनाया गया है। मूल मंदिर के सामने मान स्तम्भ स्थापित है। 

** यहां प्रतिवर्ष चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी एवं नवमी को वृहत उत्सव का आयोजन भी किया जाता है।

** दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चांदखेड़ी झालावाड़ जिले में जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर खानपुर कस्बे के समीप स्थित है। कोटा से सांगोद होते हुए 90 किलोमीटर एवं झालावाड़ होते हुए 120 किलोमीटर दूरी पर है। मंदिर बारां से 48 किलोमीटर, भवानीमण्डी से झालावाड़ होते हुए 70 किलोमीटर तथा रामगंजमण्डी से 60 किलोमीटर एवं झालरापाटन से 40 किलोमीटर दूरी पर है। समीप के रेलवे स्टेशन झालावाड़ रोड, चौमहला, पचपहाड़ एवं भवानीमण्डी हैं, जो दिल्ली-मुम्बई बड़ी रेलवे लाईन पर आते हैं। मंदिर में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के ठहरने और भोजन की अच्छी व्यवस्थाएं हैं। - डॉ.प्रभात कुमार सिंघल।

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