हाड़ोती ऐतिहासिक स्थल...........50
नाहरगढ़ किला.......जिला बारां ......
बारां जिले के किशनगंज तहसील में मध्य प्रदेश की सीमा से लगा (दिल्ली के लाल किले की आकृति) में निर्मित यह एक मध्यम श्रेणी का किला है। इस किले में मुगल कालीन स्थापत्य कला का समावेश है।यह किला बारां जिला मुख्यालय से करीब 70 किमी.दूरी पर स्थित है।
** किले के अन्तराभिमुखी प्रवेश द्वार से बांई ओर बाहर की तरफ एक आयताकार पाषाण पर फारसी भाषा का एक शिलालेख उत्कीर्ण है, जिसके अनुसार इस दुर्ग का निर्माण औरगजेब के समय कुतुबुद्दीन ने 20 जमादी उस्मानी 1090 (1678ई.) में करवाया गया था। कुतुबुद्दीन नाहरसिंह का पुत्र था तथा किशन गंज कस्बे का स्वामी था। बाद में इसने इस्लाम धर्म ग्रहण कर लिया था। यह किला खीची राठौड तथा हाड़ा राजपूतों के अधीन रहा।
** दुर्ग का बाहरी भाग घड़े हुए लाल पत्थरों से बना हुआ है। किले की हदबन्दी वास्तु की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसके चारों ओर सुरक्षा की दृष्टि से अथाह गहरी तथा थोड़ी खाई (नहर) खुदवाई गई थी। दुर्ग के अन्दर महल, कुएँ, बावड़ी, बुर्ज व प्राचीन बने हुए हैं।
** महल का एक कक्ष काँच जड़ित है तथा यहाँ श्रृंगार कक्ष (स्नानगृह) भी है। नाहरगढ़ परिसर में ही आशापूर्ण देवी का मंदिर तथा सूफी संत नेकनामशाह बाबा की मजार है। गढ़महल के चारों ओर तोपों और बन्दूकों को रखने के लिए उन्नत स्थल बने हैं। राठौड़ों द्वारा निर्मित मुगल काल का यह एक महत्वपूर्ण स्मारक है।
** नाहर गढ़ का यह किला बहुत ही आज भी अच्छी स्थिति में है परंतु यह अल्पज्ञात पर्यटक स्थल में है। सरकार इसके समुचित संरक्षण और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर ध्यान दे तो न केवल बारां जिले का वरण राजस्थान का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने की व्यापक संभावनाएं हैं।
** (कोटा कलेक्ट्रेट में मेरे एक मित्र लक्ष्मण सिंह हाड़ा जी ने इस किले पर एक अच्छी बुक लिखी है, जिसमें जिज्ञासु काफी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं )।
- डॉ. प्रभात कुमार सिंघल।